गुमानी पन्त वाक्य
उच्चारण: [ gaumaani pent ]
उदाहरण वाक्य
- गुमानी पन्त जी से परिचित कराने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया
- कवि गुमानी पन्त जी द्वारा काशीपुर के बारे में लिखी कविता
- आपने गुमानी पन्त जी को पसंद किया इसके लिए हार्दिक शुक्रिया................
- गुमानी पन्त, जिन्होंने गोरखा राज पर कविता लिखी, जिन्होंने अल्मोड़ा के जन जीवन को लिखा और उसके बाद गौर्दा ने अंग्रेजी
- कवि गुमानी पन्त जी का जन्म विक्रत संवत् १८४७, कुमांर्क गते २७, बुधवार, फरवरी १७९० को काशीपुर में हुआ था, इनका पैतृक निवास स्थान ग्राम-उपराड़ा, गंगोलीहाट, पिथौरागढ़ था।
- गुमानी पन्त, जिन्होंने गोरखा राज पर कविता लिखी, जिन्होंने अल्मोड़ा के जन जीवन को लिखा और उसके बाद गौर्दा ने अंग्रेजी राज के बीच रचनाकर्म किया....
- कुमाउनीं के आदि कवि गुमानी पन्त की कविता ` दिन दिन खजाना का भार बोकना लै, शिब-शिब चूली में न बाल एकै कैका... ' कविता लिखी गई।
- लोक गीतों की परम्परा में गुमानी पन्त, रीठागाड़ी, हरदा सूरदास, झूसिया दमाई, गौर्दा के जनोन्मुख रचनाकर्म को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने रंगमंच का महत्त्वपूर्ण उपयोग करते हुए उसे सामाजिक परिवर्तन का सकर्मक औज़ार बना लिया।
- गोरखा राज के अत्याचारों का उल्लेख कुमाउनीं के ' आदिकवि ' कहे जाने वाले गुमानी पन्त की कविता ` दिन दिन खजाना का भार बोकना लै, शिब शिब चूली में का बाल न एकै कैका ' में भी मिलता है।
- कवि गुमानी पन्त जी का जन्म विक्रत संवत् १ ८ ४ ७, कुमांर्क गते २ ७, बुधवार, फरवरी १ ७ ९ ० को काशीपुर में हुआ था, इनका पैतृक निवास स्थान ग्राम-उपराड़ा, गंगोलीहाट, पिथौरागढ़ था।
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